मैं -
वह नहीं जिसे तुम
डांट कर चुप करा दो !
और
न ही मैं गुलाम
जिसे तुम , जब चाहों पीट दो
जब चाहों कैद कर दो
मैं वक़्त की वह पुकार हूँ
जिसे तुम
छू भी नहीं सकते
जिसे तुम दबा नहीं सकते
वह
बवंडर हूँ
जो तुम्हे ही ले उड़ेगा
और
तुम्हारे सब ताम -झाम को !
मैं अन्ना हूँ !
© सर्वाधिकार सुरक्षित - राणा नवीन
7 comments:
अन्ना जी से प्रेरित होने पर 21.08.2011 को कलम्बद्ध .
Anna Nehi yeh aandhi hain.... Desh ka Naya Gandhi hain....
behatareen
इस सुन्दर पोस्ट के लिए बधाई स्वीकार करें.
कृपया मेरे ब्लॉग पर भी पधारने का कष्ट करें , आभारी होऊंगा .
har aadmi chahe to anna ban sakta hai
Thanks Baban Pandey Ji
बहुत सुंदर
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