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Wednesday, August 24, 2011

मैं अन्ना हूँ


मैं -
वह  नहीं जिसे तुम 
डांट कर चुप करा दो !
और 
न ही मैं गुलाम 
जिसे तुम , जब चाहों पीट दो 
जब चाहों कैद कर दो 
मैं वक़्त की वह पुकार हूँ 
जिसे तुम 
छू भी नहीं सकते 
जिसे तुम दबा नहीं सकते 
वह 
बवंडर  हूँ 
जो तुम्हे ही  ले उड़ेगा 
और
तुम्हारे सब ताम -झाम को !
मैं अन्ना हूँ !
© सर्वाधिकार सुरक्षित - राणा नवीन

7 comments:

एक कविता अर्थहीन ,श्याम – शवेत तथा मौन । said...

अन्ना जी से प्रेरित होने पर 21.08.2011 को कलम्बद्ध .

Make Corruption Free India And Plz Support Anna Hazare... said...

Anna Nehi yeh aandhi hain.... Desh ka Naya Gandhi hain....

आकर्षण गिरि said...

behatareen

S.N SHUKLA said...

इस सुन्दर पोस्ट के लिए बधाई स्वीकार करें.

कृपया मेरे ब्लॉग पर भी पधारने का कष्ट करें , आभारी होऊंगा .

babanpandey said...

har aadmi chahe to anna ban sakta hai

एक कविता अर्थहीन ,श्याम – शवेत तथा मौन । said...

Thanks Baban Pandey Ji

Anonymous said...

बहुत सुंदर