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Saturday, March 27, 2010

मोहब्बत



तुमसे मोहब्बत में मैंने ज़िन्दगी गवाई है
आँशु, यादें और जुदाई ज़िन्दगी की कमाई हैं!!

हर पल हर लम्हा बेबश है ये दिल
हर पल दस्ती रहती ये तन्हाई हैं !!

तुमसे बिछड़ कर भी जिंदा हूँ
मेरे साथ बीत गयी एक कहानी, जो तुम्हें सुनाई हैं !!

हर समय, हर एक रूप में तुम मेरी हों
कैसे कह दूं की ,तुम जान नहीं हरजाई हैं !!

साथ अगर तुम देती मंजिल तक "राणा"
फिर क्यूँ होती, जो आग ये रुसवाई हैं !!



© सर्वाधिकार सुरक्षित-राणा नवीन 

Saturday, March 20, 2010

भुलाया

तेरी यादों का महल बनाया हमने,
अश्कों से चिराग  जलाया हमने ,
भूलनेवाले तुझे रब दा वास्ता
कोई ओ लम्हा बता- जिसमे तुझे भुलाया हमने !

Sunday, March 7, 2010

गर्भपात

मेरी कुंआरी अपेक्षाओं का
जब तेरे अस्तित्व से 
समागम हुआ था, तो 
एक विचित्र सी
हलचल - एक सिहरन 
दौड गयी
मेरे समस्त शरीर में
धीरे-धीरे यह सिहरन 
एक रूप धारण करने लगी !
मगर -अचानक
तुम्हारा अस्तित्व छूट गया
मेरे हाथों में से रेत की तरह !
मेरे गर्भ मे पलने वाली
आकांक्षा , अचानक 
एक पाप का रूप 
धारण कर गई
किसी पिता के अभाव में ! 
कुछ दिन स्त्ब्ध रह कर 
उस आकांक्षा से मुक्ति पाने हेतु 
मैंने गर्भपात करवा लिया
और अब एक बार फिर 
'कुंआरी' बन गई हूँ,
किसी विधिवत समागम हेतु ! 
 

© सर्वाधिकार सुरक्षित -राजीव शर्मा( मेरे साथ कार्यरत )