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Saturday, October 9, 2010

जब ना तुम होगी



ना तुम होगी, ना तेरा आसरा  होगा 
अल्लाह ! आने वाले दिन में न जाने क्या-क्या होगा !


सब भूल जाते है साथ में गुजारें लम्हें  एक दिन,
वक़्त बदलेगा तो सब कुछ कितना बदल चुका होगा !

सफ़र में नए मोड़ पर कोई मिल जाएगा ही " राणा"
दिल जो मोम का हैं, लोहे में तबतक ढल चुका होगा !!
© सर्वाधिकार सुरक्षित - राणा नवीन
  

Thursday, October 7, 2010

नजर

तुम नजर झुकाने मे लगे थें, तुमने सोचा ही नही ...
ये अश्क जो गिर गये अगर तो, एक मसला हो जायेगा !!


(c) राना नवीन