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Wednesday, August 24, 2011

मैं अन्ना हूँ


मैं -
वह  नहीं जिसे तुम 
डांट कर चुप करा दो !
और 
न ही मैं गुलाम 
जिसे तुम , जब चाहों पीट दो 
जब चाहों कैद कर दो 
मैं वक़्त की वह पुकार हूँ 
जिसे तुम 
छू भी नहीं सकते 
जिसे तुम दबा नहीं सकते 
वह 
बवंडर  हूँ 
जो तुम्हे ही  ले उड़ेगा 
और
तुम्हारे सब ताम -झाम को !
मैं अन्ना हूँ !
© सर्वाधिकार सुरक्षित - राणा नवीन