Sunday, July 18, 2010
एक ख्याब, एक प्यार
ज़ब खिलते हैं एक ख्याब, एक प्यार .......
जलते भि है...ख़ालीपन से भरा आसमान.....
© सर्वाधिकार सुरक्षित-राणा नवीन
“मै एक कविता ऐसी भाषा मे जिसे न कभी लिखा गया और न कभी लिखा जायेगा! मै एक कविता अर्थहीन,श्याम –श्वेत तथा मौन । ” (c)-राना नवीन