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Saturday, March 27, 2010

मोहब्बत



तुमसे मोहब्बत में मैंने ज़िन्दगी गवाई है
आँशु, यादें और जुदाई ज़िन्दगी की कमाई हैं!!

हर पल हर लम्हा बेबश है ये दिल
हर पल दस्ती रहती ये तन्हाई हैं !!

तुमसे बिछड़ कर भी जिंदा हूँ
मेरे साथ बीत गयी एक कहानी, जो तुम्हें सुनाई हैं !!

हर समय, हर एक रूप में तुम मेरी हों
कैसे कह दूं की ,तुम जान नहीं हरजाई हैं !!

साथ अगर तुम देती मंजिल तक "राणा"
फिर क्यूँ होती, जो आग ये रुसवाई हैं !!



© सर्वाधिकार सुरक्षित-राणा नवीन